RBI EMI Rules: यदि आपने लोन लिया है और किसी कारणवश EMI चुकाने में असमर्थ हैं, तो आपके लिए राहत भरी खबर है बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा है कि बैंक अब लोन डिफॉल्ट करने वाले ग्राहकों पर मनमर्जी से कार्रवाई नहीं कर सकते इस फैसले के बाद बैंकों द्वारा कर्ज न चुका पाने वाले लोगों पर सख्ती करना मुश्किल हो जाएगा।
बैंक नहीं लगा सकेंगे विदेश यात्रा पर रोक
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को यह अधिकार नहीं होगा कि वे लोन डिफॉल्ट करने वालों की विदेश यात्रा पर रोक लगाएं पहले बैंकों को सरकार द्वारा यह शक्ति दी गई थी कि वे डिफॉल्टर्स के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी कर सकते थे, जिससे वे देश छोड़कर न जा सकें। लेकिन अदालत ने इस प्रावधान को असंवैधानिक घोषित कर दिया है।
अब जिन लोगों के खिलाफ पहले से जारी लुकआउट सर्कुलर थे, वे स्वतः रद्द माने जाएंगे इससे उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जो वित्तीय कठिनाइयों के कारण अपने कर्ज चुकाने में असमर्थ थे।
सरकार ने फैसले को चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने किया खारिज
इस फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने अदालत में अपील की थी, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के खिलाफ केवल बैंक लोन डिफॉल्ट के आधार पर यात्रा प्रतिबंध लगाना नागरिक अधिकारों का उल्लंघन है।
किन मामलों में यात्रा पर रोक जारी रहेगी?
हालांकि, यह फैसला उन मामलों पर लागू नहीं होगा जहां:
- किसी अन्य न्यायालय द्वारा यात्रा पर रोक लगाई गई हो।
- आपराधिक मामलों में न्यायाधिकरण के आदेश के तहत यात्रा प्रतिबंध लगाया गया हो।
सरकार ने 2018 में बैंकों को यह अधिकार दिया था कि वे बड़े लोन डिफॉल्टर्स के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर सकें इसका मकसद आर्थिक अपराधों को रोकना था, लेकिन अदालत ने इसे नागरिक स्वतंत्रता का उल्लंघन माना और असंवैधानिक घोषित कर दिया।
याचिकाकर्ताओं का तर्क क्या था?
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि केवल लोन न चुका पाने की स्थिति में किसी की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है उन्होंने यह भी तर्क दिया कि बैंकिंग संस्थानों के हित और देश की अर्थव्यवस्था दो अलग-अलग विषय हैं अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए लुकआउट सर्कुलर जारी करने के अधिकार को अवैध करार दिया।
इस फैसले से आम लोगों पर क्या असर होगा?
इस ऐतिहासिक फैसले के चलते:
- अब लोन डिफॉल्ट करने वाले व्यक्ति विदेश यात्रा कर सकते हैं।
- जिन लोगों के खिलाफ पहले से लुकआउट सर्कुलर जारी था, वे स्वतः निरस्त हो जाएंगे।
- बैंक अब नए तरीके से लोन रिकवरी की प्रक्रिया अपनाने पर मजबूर होंगे।
बैंकों पर प्रभाव: अब नए तरीके से होगी लोन वसूली
पहले बैंक लुकआउट सर्कुलर का उपयोग कर डिफॉल्टर्स पर दबाव बनाते थे, लेकिन अब उन्हें कानूनी रूप से उचित तरीके अपनाने होंगे।
क्या इस फैसले का दुरुपयोग हो सकता है?
हालांकि यह फैसला डिफॉल्टर्स के लिए राहत भरा है, लेकिन इसका दुरुपयोग भी संभव है बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस नियम का गलत फायदा उठाया गया, तो इससे बैंकिंग सेक्टर को नुकसान हो सकता है इसलिए, सरकार को इसके लिए वैकल्पिक समाधान निकालने की जरूरत होगी।
निष्कर्ष
बॉम्बे हाईकोर्ट के इस फैसले से लाखों लोन डिफॉल्टर्स को राहत मिली है अब बैंक किसी ग्राहक की विदेश यात्रा पर रोक नहीं लगा सकेंगे, जिससे उनकी स्वतंत्रता बनी रहेगी। हालांकि, लोन चुकाना हर व्यक्ति की नैतिक और कानूनी जिम्मेदारी है, और इस फैसले का गलत फायदा उठाना किसी के हित में नहीं होगा बैंक अब नई रणनीतियों के तहत लोन वसूली की प्रक्रिया अपनाएंगे, जिससे पारदर्शिता और संतुलन बना रहेगा।